वो भी उतनी ही इस प्रकृति की स्वामी हैं जितना मानव है। वो भी उतनी ही इस प्रकृति की स्वामी हैं जितना मानव है।
उसके मन की सिसकियों की आवाज उसके अपने ही अनसुनी कर रहे थे। उसके मन की सिसकियों की आवाज उसके अपने ही अनसुनी कर रहे थे।
प्यार की कोई भाषा नही होती। प्यार के लिए शब्दो की नही भावनाओ की अहमियत होती है। प्यार की कोई भाषा नही होती। प्यार के लिए शब्दो की नही भावनाओ की अहमियत होती है।
जज्बात,, जिसे शुद्ध हिन्दी में हम भावनाएँ कहते हैं। जज्बात,, जिसे शुद्ध हिन्दी में हम भावनाएँ कहते हैं।
चलचित्र की भांति उभर रही थी और मन की ऊहापोह की स्थिति वापस ना जाने की और इशारा कर रह चलचित्र की भांति उभर रही थी और मन की ऊहापोह की स्थिति वापस ना जाने की और इशा...
उन्होंने देवराज पर आक्रमण किया और वह पारिजात ले आए। उन्होंने देवराज पर आक्रमण किया और वह पारिजात ले आए।